ताउते तूफान से जूझ रहे देशवासियों के लिये विशेष प्रार्थना एवं यज्ञ आयोजित

ताउते तूफान से जूझ रहे देशवासियों के लिये विशेष प्रार्थना एवं यज्ञ आयोजित

ताउते तूफान से जूझ रहे देशवासियों के लिये विशेष प्रार्थना एवं यज्ञ आयोजित

ऋषिकेश: परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कोविड-19 महामारी और ताउते तूफान से जूझ रहे देशवासियों का आह्वान करते हुये कहा कि वर्तमान समय धैर्य, आशा और साहस के साथ आगे बढ़ने का है। इस दौर में हमने बहुत कुछ खोया है और समस्यायें अभी समाप्त नहीं हुई हैं, ऐसे में हम सभी को एकजुट होकर इन समस्याओं का सामना करना होगा।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने ताउते तूफान में फंसे जहाज पर सवार 273 लोगों की सुरक्षित वापसी एवं इस तूफान से जूझ रहे देशवासियों की सुरक्षा हेतु प्रार्थना करते हुये कहा कि ईश्वर सभी को स्वस्थ और सुरक्षित रखे। ताउते तूफान से प्रभावित लोगों के प्रति संवेदनायें व्यक्त करते हुये कहा कि यह समय मानवता की रक्षा करने का है। स्वामी जी ने जनसमुदाय को कोरोना टीकाकरण हेतु प्रोत्साहित किया तथा यह भी सुझाव दिया कि जो हमारे फ्रंटलाइन वारियर्स हैं, वर्कर्स हैं वे कोरोना के इस दौर में अग्रिम पंक्ति में रहकर योद्धाओं की तरह अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। सरकार उनका पहले टीकाकरण करा रही यह आवश्यक भी है और प्रशंसनीय भी है। फ्रंटलाइन वारियर्स समाज को सुरक्षित रखने हेतु महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, ऐसे में समय की गंभीरता को समझते हुये उन्हें टीकाकरण हेतु प्राथमिकता देना भी आवश्यक है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि कोरोना वायरस ने सम्पूर्ण मानवता को खतरे में डाल दिया है, ऐसे में यह जरूरी है कि हम एक-दूसरे की मदद करें। ऐसे लोग जो कोविड-19 महामारी के संक्रमण से ठीक हो चुके हैं, उनमें विकसित एंटीबॉडी का उपयोग कोरोना से पीड़ितों के प्राणों की रक्षा के लिये किया जा सकता है। जो लोग ठीक हो गये हैं उनका प्लाज्मा लेकर गंभीर रूप से बीमार रोगियों में इंजेक्ट किया जा सकता है ताकि एंटीबॉडी को स्थानांतरित किया जा सके, जिससे वायरस के खिलाफ रोगियों के शरीर को लड़ने में मदद मिल सके। कोविड-19 के रोगियों का शरीर सामान्यतः 10-14 दिनों में वायरस के खिलाफ प्राथमिक प्रतिरक्षा विकसित कर लेता है, इसलिये यदि प्रारंभ में ही प्लाज्मा को इंजेक्ट किया जाता है तो यह संभवतः वायरस से लड़ने तथा गंभीर बीमारी को रोकने में मदद कर सकता है। जो कोविड-19 महामारी से ठीक हो चुके हैं वे प्लाज्मा डोनेशन हेतु आगे आयें ताकि गंभीर रूप से प्रभावित लोगों को बचाया जा सके। स्वामी जी ने कहा कि नोवल कोरोनोवायरस का विशिष्ट उपचार आपसी अपनापन, दया और करूणा है। इस संकट के दौर में एक दूसरे के साथ खड़े रहें और मदद के लिये हाथ आगे बढ़ायें तो निश्चित रूप से हम शीघ्र ही यह जंग भी जीत जायेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *