पर्वतारोहियों के लिए खुला गौमुख तपोवन ट्रेक

उत्तरकाशी। दो माह बाद गंगोत्री नेशनल पार्क ने  गौमुख-तपोवन ट्रेक को ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए खोल दिया है। इसके खुलने के पहले दिन तीन एजेंसियों के माध्यम से दो विदेशी समेत दस ट्रेकर्स तपोवन के लिए रवाना हुए हैं। ट्रेक के खुलने पर पर्वतारोहण से जुड़ी एजेंसियों ने भी खुशी जताई है।
 बीते जुलाई माह में चीड़बासा नाले के उफान पर आने के कारण दिल्ली निवासी दो कांवड़िये उसके तेज बहाव में बह गए थे। उसके बाद सुरक्षा को देखते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने ट्रेक पर आवाजाही बंद कर दी थी। उसके बाद मॉनसून सीजन के दौरान तेज बरसात के कारण अगस्त माह के अंत में देवगाड़, चीड़बासा और भोजगड्डी नाले उफान पर आने के कारण तीन अस्थायी पुलिया बह गई थी। दो माह तक गौमुख-तपोवन ट्रेक बंद होने के बाद सितंबर माह शुरू होते ही ट्रेकिंग और पर्वतारोहण से संबंधित एजेंसियां इसे खोलने की मांग कर रही थी। पांच दिन पूर्व गंगोत्री नेशनल पार्क के श्रमिकों ने तीनों स्थानों पर पानी कम होने के बाद तीन नई अस्थायी पुलिया का निर्माण किया। उसके बाद जिलाधिकारी को तकनीकी जांच के लिए रिपोर्ट भेजी गई।पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडेय ने बताया कि डीएम के आदेश के बाद गौमुख-तपोवन ट्रेक ट्रैकिंग और पर्वतारोहण के लिए खोल दिया गया है। रेंज अधिकारी प्रदीप बिष्ट कनखू बैरियर पर मौजूद हैं. जो कि ट्रेकर्स को ट्रेक से संबंधित जानकारियां उपलब्ध करवा रहे हैं।पर्वतारोहियों के लिए खुला गौमुख तपोवन ट्रेक

उत्तरकाशी, आजखबर। दो माह बाद गंगोत्री नेशनल पार्क ने  गौमुख-तपोवन ट्रेक को ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए खोल दिया है। इसके खुलने के पहले दिन तीन एजेंसियों के माध्यम से दो विदेशी समेत दस ट्रेकर्स तपोवन के लिए रवाना हुए हैं। ट्रेक के खुलने पर पर्वतारोहण से जुड़ी एजेंसियों ने भी खुशी जताई है।
 बीते जुलाई माह में चीड़बासा नाले के उफान पर आने के कारण दिल्ली निवासी दो कांवड़िये उसके तेज बहाव में बह गए थे। उसके बाद सुरक्षा को देखते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने ट्रेक पर आवाजाही बंद कर दी थी। उसके बाद मॉनसून सीजन के दौरान तेज बरसात के कारण अगस्त माह के अंत में देवगाड़, चीड़बासा और भोजगड्डी नाले उफान पर आने के कारण तीन अस्थायी पुलिया बह गई थी। दो माह तक गौमुख-तपोवन ट्रेक बंद होने के बाद सितंबर माह शुरू होते ही ट्रेकिंग और पर्वतारोहण से संबंधित एजेंसियां इसे खोलने की मांग कर रही थी। पांच दिन पूर्व गंगोत्री नेशनल पार्क के श्रमिकों ने तीनों स्थानों पर पानी कम होने के बाद तीन नई अस्थायी पुलिया का निर्माण किया। उसके बाद जिलाधिकारी को तकनीकी जांच के लिए रिपोर्ट भेजी गई।पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडेय ने बताया कि डीएम के आदेश के बाद गौमुख-तपोवन ट्रेक ट्रैकिंग और पर्वतारोहण के लिए खोल दिया गया है। रेंज अधिकारी प्रदीप बिष्ट कनखू बैरियर पर मौजूद हैं. जो कि ट्रेकर्स को ट्रेक से संबंधित जानकारियां उपलब्ध करवा रहे हैं।पर्वतारोहियों के लिए खुला गौमुख तपोवन ट्रेक

उत्तरकाशी, आजखबर। दो माह बाद गंगोत्री नेशनल पार्क ने  गौमुख-तपोवन ट्रेक को ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए खोल दिया है। इसके खुलने के पहले दिन तीन एजेंसियों के माध्यम से दो विदेशी समेत दस ट्रेकर्स तपोवन के लिए रवाना हुए हैं। ट्रेक के खुलने पर पर्वतारोहण से जुड़ी एजेंसियों ने भी खुशी जताई है।
 बीते जुलाई माह में चीड़बासा नाले के उफान पर आने के कारण दिल्ली निवासी दो कांवड़िये उसके तेज बहाव में बह गए थे। उसके बाद सुरक्षा को देखते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने ट्रेक पर आवाजाही बंद कर दी थी। उसके बाद मॉनसून सीजन के दौरान तेज बरसात के कारण अगस्त माह के अंत में देवगाड़, चीड़बासा और भोजगड्डी नाले उफान पर आने के कारण तीन अस्थायी पुलिया बह गई थी। दो माह तक गौमुख-तपोवन ट्रेक बंद होने के बाद सितंबर माह शुरू होते ही ट्रेकिंग और पर्वतारोहण से संबंधित एजेंसियां इसे खोलने की मांग कर रही थी। पांच दिन पूर्व गंगोत्री नेशनल पार्क के श्रमिकों ने तीनों स्थानों पर पानी कम होने के बाद तीन नई अस्थायी पुलिया का निर्माण किया। उसके बाद जिलाधिकारी को तकनीकी जांच के लिए रिपोर्ट भेजी गई।पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडेय ने बताया कि डीएम के आदेश के बाद गौमुख-तपोवन ट्रेक ट्रैकिंग और पर्वतारोहण के लिए खोल दिया गया है। रेंज अधिकारी प्रदीप बिष्ट कनखू बैरियर पर मौजूद हैं. जो कि ट्रेकर्स को ट्रेक से संबंधित जानकारियां उपलब्ध करवा रहे हैं।पर्वतारोहियों के लिए खुला गौमुख तपोवन ट्रेक

उत्तरकाशी, आजखबर। दो माह बाद गंगोत्री नेशनल पार्क ने  गौमुख-तपोवन ट्रेक को ट्रेकिंग और पर्वतारोहण के लिए खोल दिया है। इसके खुलने के पहले दिन तीन एजेंसियों के माध्यम से दो विदेशी समेत दस ट्रेकर्स तपोवन के लिए रवाना हुए हैं। ट्रेक के खुलने पर पर्वतारोहण से जुड़ी एजेंसियों ने भी खुशी जताई है।
 बीते जुलाई माह में चीड़बासा नाले के उफान पर आने के कारण दिल्ली निवासी दो कांवड़िये उसके तेज बहाव में बह गए थे। उसके बाद सुरक्षा को देखते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने ट्रेक पर आवाजाही बंद कर दी थी। उसके बाद मॉनसून सीजन के दौरान तेज बरसात के कारण अगस्त माह के अंत में देवगाड़, चीड़बासा और भोजगड्डी नाले उफान पर आने के कारण तीन अस्थायी पुलिया बह गई थी। दो माह तक गौमुख-तपोवन ट्रेक बंद होने के बाद सितंबर माह शुरू होते ही ट्रेकिंग और पर्वतारोहण से संबंधित एजेंसियां इसे खोलने की मांग कर रही थी। पांच दिन पूर्व गंगोत्री नेशनल पार्क के श्रमिकों ने तीनों स्थानों पर पानी कम होने के बाद तीन नई अस्थायी पुलिया का निर्माण किया। उसके बाद जिलाधिकारी को तकनीकी जांच के लिए रिपोर्ट भेजी गई।पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडेय ने बताया कि डीएम के आदेश के बाद गौमुख-तपोवन ट्रेक ट्रैकिंग और पर्वतारोहण के लिए खोल दिया गया है। रेंज अधिकारी प्रदीप बिष्ट कनखू बैरियर पर मौजूद हैं. जो कि ट्रेकर्स को ट्रेक से संबंधित जानकारियां उपलब्ध करवा रहे हैं।पर्वतारोहियों के लिए खुला गौमुख तपोवन ट्रेक

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 बीते जुलाई माह में चीड़बासा नाले के उफान पर आने के कारण दिल्ली निवासी दो कांवड़िये उसके तेज बहाव में बह गए थे। उसके बाद सुरक्षा को देखते हुए गंगोत्री नेशनल पार्क प्रशासन ने ट्रेक पर आवाजाही बंद कर दी थी। उसके बाद मॉनसून सीजन के दौरान तेज बरसात के कारण अगस्त माह के अंत में देवगाड़, चीड़बासा और भोजगड्डी नाले उफान पर आने के कारण तीन अस्थायी पुलिया बह गई थी। दो माह तक गौमुख-तपोवन ट्रेक बंद होने के बाद सितंबर माह शुरू होते ही ट्रेकिंग और पर्वतारोहण से संबंधित एजेंसियां इसे खोलने की मांग कर रही थी। पांच दिन पूर्व गंगोत्री नेशनल पार्क के श्रमिकों ने तीनों स्थानों पर पानी कम होने के बाद तीन नई अस्थायी पुलिया का निर्माण किया। उसके बाद जिलाधिकारी को तकनीकी जांच के लिए रिपोर्ट भेजी गई।पार्क के उपनिदेशक आरएन पांडेय ने बताया कि डीएम के आदेश के बाद गौमुख-तपोवन ट्रेक ट्रैकिंग और पर्वतारोहण के लिए खोल दिया गया है। रेंज अधिकारी प्रदीप बिष्ट कनखू बैरियर पर मौजूद हैं. जो कि ट्रेकर्स को ट्रेक से संबंधित जानकारियां उपलब्ध करवा रहे हैं।

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