उत्तराखंड सरकार ने सीमांत गांवों को प्रथम गांव मानते हुए विकास प्रभावी कदम उठाने की ठानी
देहरादून : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने उत्तराखंड दौरे में बीती 21 अक्टूबर को सीमांत गांव माणा से संदेश दिया था कि देश की सीमा पर बसा हर गांव उनके लिए पहला गांव है। इसी के दृष्टिगत इन गांवों के विकास को कदम उठाए जा रहे हैं।
अब प्रदेश सरकार ने भी सीमांत गांवों को प्रथम गांव मानते हुए इनके समग्र विकास को प्रभावी कदम उठाने की ठानी है। इसके लिए जल्द ही ‘मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना’ शुरू की जाएगी। जल्द ही किसी प्रथम गांव में कैबिनेट की बैठक आयोजित कर सरकार वहां गांवों के विकास को मंथन में जुटेगी। इसी दौरान यह योजना भी लांच करने की तैयारी है।
उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव भी पलायन से अछूते नहीं
चीन और नेपाल की सीमा से सटे उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव भी पलायन से अछूते नहीं है। इसे देखते हुए सरकार ने इन गांवों पर विशेष ध्यान केंद्रित करने का निश्चय किया है। इनके विकास के लिए मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना का खाका लगभग तैयार कर लिया गया है।
इसके अंतर्गत प्रथम गांवों में मूलभूत सुविधाओं के विस्तार के साथ ही वहां आजीविका विकास पर जोर दिया जाएगा। इन गांवों में पर्यटन, तीर्थाटन, कृषि, बागवानी जैसे क्षेत्रों में रोजगारपरक योजनाएं संचालित करने के अलावा विभिन्न विभागों की योजनाओं को एक साथ चलाने की तैयारी है। शीघ्र ही योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा।
धामी सरकार जल्द ही किसी प्रथम गांव में कैबिनेट की बैठक का आयोजन कर यह संदेश देने का प्रयास करेगी कि वह सीमा पर बसे गांवों के समग्र विकास को लेकर संवेदनशील है। सूत्रों ने बताया कि प्रथम गांव का चयन और बैठक की तिथि का निर्धारण जल्द ही किया जाएगा। कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन गांवों के विकास को तैयार हो रही योजना को लांच कर सकते हैं।
2025 तक आदर्श बनेंगे सभी गांव
धामी सरकार ने उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक देश के श्रेष्ठ राज्यों की श्रेणी में लाने का संकल्प लिया है। इसी कड़ी में सरकार का सीमावर्ती समेत सभी गांवों को आदर्श ग्राम बनाने का लक्ष्य है। निदेशक पंचायती राज बंशीधर तिवारी के अनुसार प्रथम चरण में चंपावत जिले के गांवों को लिया जा रहा है।
धीरे-धीरे अन्य जिलों को आदर्श ग्राम योजना में लिया जाएगा। योजना के तहत गांवों में तेजी से मूलभूत सुविधाएं जुटाई जाएंगी। साथ ही वहां आजीविका विकास को कदम उठाए जाएंगे। इसके अलावा गांवों में स्ट्रीट लाइट, खेल मैदान, ओपन जिम, कचरा प्रबंधन आदि के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
प्रदेश के प्रत्येक गांव को आदर्श गांव के रूप में विकसित करना सरकार का लक्ष्य है। वहां सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ ही साफ-सफाई, आजीविका संवद्र्धन के उपाय किए जाएंगे। शीघ्र ही हम लोग अपनी कैबिनेट की बैठक किसी गांव में आयोजित करेंगे। सीमांत गांवों को प्रथम गांव माना जाएगा और इनके समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री प्रथम ग्राम समेकित विकास योजना प्रारंभ की जाएगी।