संसद के शीतकालीन सत्र से शुरु, 30 से ज्यादा दलों के नेता पहुंचे, सभी ने अपने-अपने मुद्दे रखे
नई दिल्ली, संसद का शीतकालीन सत्र आज यानी बुधवार से शुरू हो रहा है। कामकाज के लिहाज से वैसे तो यह सत्र सिर्फ 17 दिनों का ही है, लेकिन कांग्रेस सहित विपक्ष दलों ने मंगलवार को सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में जिस तरह का रुख दिखाया है, उससे इस सत्र के गर्म रहने के आसार हैं। हालांकि गतिरोध की आशंका कम है।
गुजरात-हिमाचल चुनाव का भी सत्र पर दिखेगा असर
गुजरात व हिमाचल प्रदेश चुनावों का भी असर इस सत्र पर दिखेगा, जिसके परिणाम आठ दिसंबर को आ रहे हैं। इस बीच कांग्रेस सहित दूसरे विपक्षी दलों ने चुनाव आयुक्त की एक दिन में नियुक्ति, चीन के साथ सीमा पर तनाव, महंगाई, ईडब्लूएस आरक्षण की फिर से समीक्षा जैसे विषयों पर सरकार से चर्चा की मांग की है। वहीं, सरकार ने भी संसद के सुचारू संचालन के लिए सभी मुद्दों पर चर्चा का भरोसा दिया है।
सर्वदलीय बैठक में पहुंचे कई नेता
संसद के शीतकालीन सत्र के शुरू होने से ठीक पहले सरकार की ओर से बुलाई गई बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राज्यसभा के नेता और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी के अलावा कांग्रेस और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, टीएमसी के नेता डेरेक ओब्रायन आदि मौजूद थे।
बैठक में 31 दलों ने लिया हिस्सा
बैठक में सभी दलों ने सरकार के सामने अपने मुद्दों को रखा और सरकार से चर्चा कराने की मांग की। वहीं सरकार की ओर से प्रहलाद जोशी ने बैठक की जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में बुलाए गए 47 दलों में से 31 दलों ने हिस्सा लिया। सभी दलों ने अपनी मुद्दे और विषय रखे है। हमने कहा है कि हम सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है। राज्यसभा के सभापति और लोकसभा अध्यक्ष जैसे अनुमति देंगे, वह सभी विषयों पर चर्चा करेंगे।
अधीर रंजन चौधरी के आरोपों को बताया गलत
प्रहलाद जोशी ने बैठक में अधीर रंजन चौधरी के उन आरोपों को गलत बताया जिसमें उन्होंने क्रिसमस की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए छुट्टी न रखने की बात कही थी। जोशी ने कहा कि इस बार क्रिसमस रविवार को पड़ रही है। रही बात सत्र की तो 24 और 25 को छुट्टी रहेगी। यदि 26 दिसंबर को भी छुट्टी रखने की बात है, तो कार्यमंत्रणा समिति इस पर निर्णय लेगी।
बैठक में टीएमसी नेता डेरेक ओ-ब्रायन ने महंगाई, बेरोजगारी, एजेंसियों के कथित दुरुपयोग और राज्यों की वित्तीय स्थिति आदि मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग रखी। वहीं, शिवसेना (बालासाहेबची शिवसेना) ने जनसंख्या नियंत्रण का मुद्दा उठाया और सरकार से इस पर चर्चा कराने की मांग की। गौरतलब है कि संसद की शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरु होकर 29 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें होंगी।
सत्र के दौरान करीब 25 विधेयकों को लाने की तैयारी
संसद का शीतकालीन सत्र भले ही छोटा है, लेकिन सरकार ने इसमें ज्यादा से ज्यादा काम निपटाने का लक्ष्य रखा है। सूत्रों की मानें तो 17 दिन के इस सत्र में सरकार अब तक करीब 25 विधेयकों को पारित कराने का लक्ष्य रखा है, जिन्हें संसद की कार्यसूची में शामिल किया गया है। इनमें बायोलाजिकल डायवर्सिटी, वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन विधेयक, फारेस्ट बिल आदि शामिल है। कई ऐसे विधेयक भी है, जो पिछले सत्रों से ही सदन में अटके हुए है।