खस्ताहाल में है ब्लाॅक द्वाराहाट के डोटलगांव का सड़क मार्ग

अल्मोड़ा: देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का सपना है सबका साथ-सबका विकास। राज्य में आये सरकारों का हमेशा से प्रयास रहा है कि उत्तराखंड के दूरस्थ गांवों को सड़क मार्ग से जोड़ा जाये। जिससे आमजन को परिवहन की सुविधा मिल सके। लेकिन उत्तराखण्ड के दूरस्थ गांवों में विकास के नाम पर ग्रामवासियों के साथ खिलवाड़ हो रहा है। भ्रष्ट तंत्र व विभागों के ढुलमुल रवैये के कारण ग्रामीणों को  हमेशा कहीं ना कहीं पछतावा ही रहता है। काफी प्रयासों के बाद अल्मोड़ा जिले के ब्लॉक द्वाराहाट के अंतर्गत ग्रामसभा डोटलगांव को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए 2014-15 में तत्कालीन सरकार ने स्वीकृति प्रदान की थी तो ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। कई अवरोधों को पार कर जैसे-तैसे सड़क गांव तक तो पहुंच गई पर आज तक इस सड़क मार्ग का कार्य पूरा नहीं हो पाया है।

बासुलीसेरा सड़क मार्ग से जोड़ने वाली इस सड़क का निर्माण लोकनिर्माण विभाग द्वारा किया जा रहा है। लेकिन यह मार्ग विभाग की अनदेखी-मनमर्जी व उपेक्षा का शिकार हो चुकी है। उपरोक्त 7.50 किलोमीटर सड़क मार्ग का निर्माण कार्य लोक निर्माण विभाग के अधीन पिछले 6 सालों से चल रहा है। लेकिन विभाग की अनदेखी व उपेक्षा के कारण आज तक यह मार्ग पूरी तरह से क्रियान्वित नहीं हो पाया है। ग्रामसभा डोटलगांव के पूर्व ग्रामप्रधान मदन मोहन व डोटलगांव सेवा समिति दिल्ली ने कई बार संबंधित विभागों व मंत्रालयों से इस बाबत पत्राचार किया पर कोई सफलता हासिल नहीं हुई है। पूर्व प्रधान मदन मोहन कहते हैं कि सरकारों ने हमारी उन्नत्ति के लिये हमारे गांव को रोड मार्ग की मुख्यधारा से जोड़ने में अपनी अहम् भूमिका तो निभाई है। मगर संबंधित विभाग की लापरवाही की वजह से मोटर मार्ग से गांव का आधा हिस्सा सिर्फ इसलिए नहीं जुड़ पा रहा है क्योंकि बीच में एक पुलिया का कार्य आधा अधुरा बना पड़ा है। विभाग द्वारा जिस ठेकेदार को इस पुलिया का ठेका दिया गया है वह इस कार्य को आधा अधूरा छोड़कर चला गया है।

वर्तमान ग्राम प्रधान नीमा देवी ने बताया कि ग्राउंड जीरो से पुलिया तक यह मार्ग लगभग तैयार है लेकिन उससे आगे के हाल काफी खस्ताहाल हैं। जगह-जगह आधे-अधूरे कलमठ बनाये गये हैं जो कि बारिश के चलते ध्वस्त हो चुके हैं। जगह-जगह सड़क में गड़ढे हो चुके हैं। जैसा कि विगत कई सालों से इस सड़क का कार्य चल रहा है अब तक तो इस मार्ग में डामरीकरण भी हो जाना चाहिए था। जबकि आस-पास के क्षेत्रों की सड़कें जो इस मार्ग के साथ-साथ बन रही थीं उन मार्गो में काफी समय पहले ही डामरीकरण हो चुका है। डोटल गांव द्वाराहाट ब्लॉक का जाना माना गांव में एक है। उसके बाद भी अनदेखा किया गया है।

डोटलगांव के ग्रामनिवासी बिशन राम कहते हैं कि सड़क मार्ग बने हुए लगभग सात साल हो गये हैं यह मार्ग बरसात में टूटते रहता है। यहां गाड़ियों का आवागमन कम ही रहता है। अगर गांव में कभी किसी की अचानक तबीयत खराब हो जाती है तो उसे तत्काल अस्पताल ले जाने में परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार व संबंधित अधिकारी हमारे गांव की भी सुध लें। डोटलगांव के अन्य गांवों को भी मोटरमार्ग से जोडें, तभी प्रधानमंत्री का सपना सबका साथ-सबका विकास सच होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *