सातवीं कक्षा के छात्र कुशल खेमानी की पहल से कइयों को कोविड से मुकाबला करने में मदद मिली

सातवीं कक्षा के छात्र कुशल खेमानी की पहल से कइयों को कोविड से मुकाबला करने में मदद मिली

सातवीं कक्षा के छात्र कुशल खेमानी की पहल से कइयों को कोविड से मुकाबला करने में मदद मिली

देहरादून:  कोविड-19 की दूसरी लहर ने भारत पर बहुत कहर बरपाया है। मार्च 2021 में कोविड-19 के असर को कम करने के लिए भारत के कई देशों ने लाॅकडाउन की घोषणा की थी। बहुत से लोकोपकारी संगठनों, सरकारों, व्यक्तियों और मशहूर हस्तियों ने प्रभावित लोगों को राहत पहुंचाने के लिए विभिन्न तरीके तलाशे। एक ओर जहां सरकार इस महामारी की चुनौती का समाधान करने में लगी थी वहीं नौजवान भारतीय, यहां तक की स्कूली बच्चे भी देशवासियों की सहायता हेतु कुछ न कुछ प्रयास कर रहे थे। ऐसा ही एक विद्यार्थी है यूरो स्कूल वकाड़, पुणे का कुशल खेमानी।
कुशल ने अपने प्रयासों से चार गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर और माय गेट ऐप्लीकेशन के जरिए पूरे भारत में हैल्थ चैकअप कैम्प हेतु रजिस्ट्रेशन को सुगम बनाया। ’’पैनडेमिक हैल्थ’’ के बैनर तले बहुत ही कम दरों पर लोगों को यह सुविधा उपलब्ध कराई गई। कुशल कोविड प्रभावित क्षेत्रों से निरंतर सम्पर्क में रहे हैं और उन्होंने दिल्ली, पुणे, मुम्बई व भोपाल में माइंड कोच काउंसलरों के माध्यम से भावनात्मक स्वास्थ्य हेतु वर्चुअल सत्र आयोजित किए, जिनसे 93 लोगों को मदद मिली। कुशल खेमानी का कहना है, ’’ग्रामीण भारत में ज्यादातर लोगों के पास ऐसी स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं हैं जैसी हमारे पास शहरों में हैं। महामारी से मुकाबला करने के लिए मैं जो भी विनम्र प्रयास कर सकता था वह मैंने किया। मेरे परिवार और स्कूल ने इस कार्य हेतु मुझे पूरा सहयोग दिया। मैं आशा करता हूं की यह महामारी शीघ्र समाप्त हो जाएगी और हम सामान्य जीवन में लौट सकेंगे।’’ यूरो स्कूल वकाड़ की प्रिंसिपल रेणुका दत्ता ने कहा, ’’यह देख कर बहुत प्रसन्नता होती है की हमारे विद्यार्थी कक्षा से परे भी सोच पा रहे हैं और जरूरतमंद लोगों तक पहुंच रहे हैं। कुशल ने जिस तरह से व्यक्तिगत स्तर पर यह कदम उठाया है उससे वास्तव में हमारे लिए एक बेंचमार्क स्थापित हुआ है। वह अपनी सुविधाओं के दायरे से बाहर निकला और उच्च स्तर की इमोशनल इंटेलीजेंस दिखाते हुए उसने आउटरीच प्रोग्रामों व कैम्पों आदि का आयोजन व निष्पादन किया।’ कुशल यूरोस्कूल वकाड़ की कक्षा 7 में पढ़ता है। कोरोना की पहली लहर में कुशल ने प्रि-प्राइमरी शिक्षकों के लिए एक आॅन-काॅल सपोर्ट सिस्टम स्थापित किया था जिससे शिक्षकों को डिजिटल तरीके से पढ़ाने में मदद मिली। वीडियो टेलीफोनी के इस्तेमाल, एमएस आॅफिस व एमएस पावरपाॅइंट, ऐनिमेटिड व प्रभावी प्रेजेंटेशन के लिए कुशल ने 60 से अधिक शिक्षकों को प्रशिक्षित किया। कुशल ने मई 2020 के मध्य में आॅल स्पार्क इनफिनिटी नाम से अपना यूट्यूब चैनल भी शुरु किया था। समाज के लिए इस अनुकरणीय एवं इनोवेटिव योगदान हेतु कुशल खेमानी को कई सम्मान प्राप्त हुए हैं जिनमें शामिल हैं- प्रामेरिका से कांस्य पदक, मी टू वी मिशन से ट्राॅफी, टीजैडपी से शाइनिंग स्टार अवार्ड, युवा से गोल्डन शील्ड, इंडिया बुक आॅफ रिकाॅर्ड्स से ऐम्बैसेडर आॅफ आॅनर, कोविड-19 हीरो।

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