एकल सात्विक स्नान व सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा विश्व शान्ति यज्ञ का किया आयोजन

ऋषिकेश:  अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि भारत एक ऐसा राष्ट्र है जहां प्रतिदिन उत्सव है और उन उत्सवोें के पीछे गूढ़ रहस्य, जीवन मूल्यों का संदेश और रिश्तों की जीवंतता छिपी है। वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अत्यंत शुभ माना गया है। स्वामी जी ने अक्षय तृतीया की शुभ तिथि पर माँ गंगा में एकल सात्विक स्नान कर सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु विश्व शान्ति यज्ञ किया। स्वामी जी ने भगवान परशुराम जयंती के पावन अवसर पर सभी को शुभकामनायें देते हुये कहा कि शास्त्र और शस्त्र का ज्ञान और विवेक से चयन कर जीवन में आने वाली चुनौतियों का शक्ति और भक्ति के साथ सामना करते हुये उन्होंने जो आदर्श और मूल्य स्थापित किये वह हर युग के लिये प्रासंगिक हैं। इस संकट की घड़ी में भगवान परशुराम सभी को स्वास्थ्य और शक्ति प्रदान करें।
तत्पश्चात वे सभी दिव्य आत्मायें जिन्हें कोरोना ने हमसे छीन लिया है उनके लिये यज्ञ में विशेष आहूतियाँ दी एवं प्रभु से विशेष प्रार्थना की! हे परमपिता परमात्मा उन सभी दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों में स्थान दीजिये और उनके परिवार, इष्टमित्रों और प्रियजनों को इस दुःख को सहन करने की शक्ति और संबल प्रदान कीजिये। इस समय जो लोग अस्पतालों में भर्ती हैं उन सभी के शीघ्र स्वस्थलाभ दीजिये प्रभु।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि वर्तमान समय बहुत कठिन है इसका सामना करने के लिये संयम, साहस और मनोबल की जरूरत है। हे प्रभो! इस संकट के दौर में मेरे देशवासियों का साहस, मनोबल और हौसला कभी कम न होने पाये। सभी के हृदय में दया, करूणा, ममता, प्रेेम आदि श्रेष्ठ जीवन मूल्यों को अक्षय प्रवाह प्रवाहित होता रहे। यह समय मानवता और संवेदनाओं के संवर्धन का हैय सहयोग और सेवा का है। जैसे एक-एक जल की बूंद से घडा भर जाता है उसी प्रकार हम सभी सेवा और सहायता के लिये आगे बढ़ें तो कोरोना से मरते अपने भाई-बहनों और प्यारे-प्यारे बच्चों को बचाया जा सकता है।
स्वामी जी ने कहा कि यह समय ऑक्सीजन सिलेन्डर बेचने और खरीदने का नहीं बल्कि खुद को सरेन्डर करने का है। मानवता के अस्तित्व को बचाने के लिये स्वयं को समाज के लिये समर्पित करने का है। इस समय यही मानवता है, यही यज्ञ है और यही पूजा है। यह समय काला बाजारी और लोगों की मजबूरियों का फायदा उठाकर पैसे कमाने का नहीं बल्कि सेवा और सहायता कर पुण्य कमाने का है। स्वामी जी ने कहा कि अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर ऑक्सीजन प्लांट के साथ-साथ 24 घण्टे ऑक्सीजन देने वाले प्लांट्स (पौधे) भी लगायें। ‘‘अब बचा है  एक विकल्प – वृक्षारोपण का करें संकल्प।’’ सभी को शुद्ध ऑक्सीजन मिले और भविष्य में भी मिलती रहे इसके लिये पौधारोपण करेंय पौधों का संरक्षण करें। अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के पावन सान्निध्य में परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने हाथों में पौधे लेकर वृक्षारोपण का संकल्प लिया तथा हरियाली संवर्द्धन का संदेश दिया। स्वामी जी ने कहा कि इस शुभ दिन पर आईये सब मिलकर इस कोरोना रूपी कोहरे को दूर कर सभी के उत्तम स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करें।

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