मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने दूरभाष पर जताया दुःख

देहरादून: नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज की जन्मदात्री माता उमा देवी घिल्डियाल (85)का निधन हो गया। वो अपने पीछे पति सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गई। उनके निधन पर विभिन्न धार्मिक , सामाजिक और राजनीतिक संगठन से जुड़े लोगों ने शोक व्यक्त किया।
अपने पैतृक गांव कगडी पट्टी चलणस्यूं जिला पौड़ी गढ़वाल की यात्रा पर होने से उनके धर्मगुरु बेटे समेत पांचों बेटियां और दामाद कुछ दिनों से उनके पास गांव में ही थे। एक नवंबर को उमा देवी ने यात्रा से वापसी में अंतिम सांस ली। घिल्डियाल परिवार का क्षेत्र में धार्मिक शिक्षा का उजियारा फैलाने में खासा योगदान है। उमा देवी के पति पण्डित शिवप्रसाद घिल्डियाल सेवा निवृत्त अध्यापक हैं जबकि सबसे बड़े पुत्र डॉ कैलाश घिल्डियाल ज्योतिष एवं कर्मकाण्ड एवं दूसरे पुत्र डॉ चण्डी प्रसाद घिल्डियाल आई डी पी एल इण्टर कालेज में संस्कृत के प्रवक्ता हैं । परिवार से करीब दर्जन भर लोग अध्यापन कार्य से जुड़े हैं।
उमा देवी भी उस जमाने की धर्म शिक्षिका रही। बच्चों की बेहतर शिक्षा और घर की देखभाल के लिए उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। वो हमेशा युवाओं को शिक्षा के लिए प्रेरित करती थी। शोक व्यक्त करने वालों में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत , हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर , कृषि मंत्री सुबोध उनियाल , कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय , पूर्व मंत्री दिनेश धनै , राज्यमंत्री भगतराम कोठारी , भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि , स्वामी ललिता नन्द गिरी प्रमुख रहे ।

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