खुद को एसडीएम बताकर लोगों को ठगने वाला गिरफ्तार, आरोपी का ड्राइवर भी पकड़ा गया
देहरादून:खुद को एसडीएम बताकर लोगों को ठगने के आरोपी को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। लोगों को फंसाकर उसके पास लाने वाला आरोपी का ड्राइवर अभी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है। गिरफ्तार फर्जी एसडीएम से दो लाख रुपये नकद व अन्य चीजें बरामद हुई हैं। इसमें कई लोग पीड़ित होने की आशंका है। पुलिस के हत्थे चढ़ा अश्विनी कुमार श्रीवास्तव इलाहाबाद विवि से ग्रेजुएट है। बकौल अश्वनी उसने वर्ष 1991 में यूपी पीसीएस की परीक्षा भी दी थी। इसमें उसने मेन्स भी पास कर लिया था।
एसएसपी डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि दो दिन पूर्व सौरभ बहुगुणा निवासी कोटड़ा संतौर ने अश्वनी कुमार श्रीवास्तव के खिलाफ तहरीर दी थी। आरोप था कि अश्वनी ने खुद को एसडीएम बताकर जमीन दिलाने के नाम पर उससे 15 लाख रुपये ठग लिए हैं। इस मामले में एसपी सिटी श्वेता चैबे की निगरानी में प्रेमनगर पुलिस और एसओजी ने पड़ताल की तो आरोपी सोमवार को सुद्धोवाला से पकड़ा गया। एसएसपी के अनुसार अश्विनी कुमार श्रीवास्तव अधिकारियों की तरह ठाठ-बाट से रहता था। उसने पंकज कुमार शर्मा नाम का ड्राइवर भी रखा हुआ है। यह ड्राइवर ही उसके लिए नए-नए लोगों को बुलाकर लाता था। आरोपी ने पुलिस को बताया कि इस केस में भी पंकज शर्मा ने सौरभ बहुगुणा को तहसील में देखा था। सौरभ बहुगुणा की कोटड़ा संतौर में जमीन है, जिसमें कुछ विवाद चल रहा है। इसके बाद यह जमीन खरीदी जानी है। पंकज ने बहुगुणा से कहा कि वह अश्वनी का ड्राइवर है और वह इस काम को करा सकते हैं। इसके बाद पंकज ने अपने रिश्तेदारों की मदद से सौरभ बहुगुणा से मुलाकात कराई और बात 20 लाख रुपये में तय हुई। इसमें से सौरभ बहुगुणा ने 15 लाख रुपये अश्वनी व पंकज को दे दिए। बकौल अश्वनी इसमें से पांच लाख रुपये उसने खुद रखे और 10 लाख रुपये पंकज शर्मा को दे दिए। कुछ दिन बाद मौके पर एक लेखपाल को बुलाकर जमीन की पैमाइश भी कराई गई। काफी समय बाद भी जमीन की खरीद नहीं हुई तो सौरभ को शक हुआ और उसने पुलिस की शरण ली। सोमवार को अश्वनी पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसके पास से दो लाख रुपये नकद, एटीएम कार्ड, मोबाइल फोन आदि बरामद हुए हैं। अश्वनी का ड्राइवर पंकज तहसील परिसर में ही घूमता रहता था। वही परेशान लोगों को फंसाकर बुलाकर अश्वनी के पास ले जाता था। इसके साथ ही एक पटवारी भी उसे साहब-साहब कहकर संबोधित करता था। इससे लोगों को यकीन हो जाता था। अश्वनी के खिलाफ हरिद्वार में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज है। इसमें पकंज ने उसकी जमानत ली थी। इसके बाद से ही दोनों की दोस्ती हो गई और नए सिरे से धोखाधड़ी का काम शुरू कर दिया।