सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर हंगामा


नईदिल्ली, । शुक्रवार राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ ही संसद का बजट सत्र शुरू हो गया था। इसके बाद शनिवार को वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आम बजट पेश किया। बजट पेश होने के बाद आज संसद की कार्यवाही का पहला दिन है। संसद में आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होनी है। सदन की कार्यवाही के शुरू होते ही विपक्ष ने शाहीन बाग, जामिया हिंसा, सीएए, एनआरसी को लेकर हंगामा किया।
लोकसभा शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने दिल्ली के जामिया और शाहीन बाग में हुई गोलीबारी के विरोध में नारा लगना शुरू कर दिया। विपक्षी सांसदों ने नारे लगाते हुए कहा- गोली मारना बंद करो, देश तोडऩा बंद करो। बता दें कि पिछले एक हफ्ते के दौरान शाहीन बाग और उसके आसपास गोलीबारी की तीन घटनाएं हुई है।
इस बीच राज्यसभा की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बता दें कि कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दलों, राष्ट्रीय जनता दल और कुछ अन्य दल पहले ही सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर तत्काल चर्चा की मांग लेकर राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दे चुके हैं।
कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दल लोकसभा में भी स्थगन प्रस्ताव देने को तैयार हैं। सूत्रों के मुताबिक विपक्षी दल दोनों सदनों में सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर चर्चा की मांग कर रहे हैं। विपक्ष ने संसद द्वारा पारित सीएए को असंवैधानिक करार देते हुए इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है, जिस पर इसी महीने सुनवाई होनी है। विपक्षी दलों ने सीएए का विरोध करने वाले राज्यों के मुख्यमंत्रियों से एनपीआर नहीं कराने का भी आग्रह किया है।
संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ और एक फरवरी को बजट पेश किया गया। दोनों सदन सोमवार से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा शुरू करने के लिये तैयार हैं।
वहीं बीजेपी भी कई बार कह चुकी है कि चाहे विपक्षी दल कितना भी विरोध कर लें, सीएए को वापस नहीं लिया जाएगा। गृह मंत्री अमित शाह सहित कई नेताओं ने अलग-अलग अवसरों पर यह बात कही है।
गृह मंत्री अमित शाह ने लखनऊ में एक रैली में कहा था- जिसे जितना विरोध करना है करे, लेकिन सीएए (सीएए) वापस नहीं होगा। उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि वे बताएं कि नागरिकता संशोधन कानून में कहां किसी की नागरिकता लेने की बात लिखी है। सिर्फ वोटबैंक की सियासत के लिए लोगों को गुमराह किया जा रहा है।

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