विदेश भेजने के नाम पर युवाआंे से लाखों ठगने वाला आया पुलिस गिरफ्त में
देहरादून। विदेश भेजने के नाम पर बेरोजगार युवाओं से 45 लाख की ठगी करने वाले आरोपी को डालनवाला पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर नोयडा से गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी को न्यायलय में पेश किया जहां से उसे जेल भेज दिया गया। संजय खत्री पुत्र विक्रम सिंह व सोनिया पत्नी चेतन लोध ने थाना डालनवाला पर 33 ईसी रोड स्थित मीट यूपी ग्लोबल फर्म से मिलें के डायरेक्टर भारत कुमार नर्वानी व उसके अन्य सहयोगियों ने मीट यूपी ग्लोबल फर्म के माध्यम से विदेश भेजने के नाम पर ठगी व धोखाधड़ी कर लोगों से क्रमशः 36,30,596 रुपये व 8,59,000 रुपये हड़पने लिये जाने के सम्बन्ध में लिखित प्रार्थना पत्र दिया गया, जिस पर ठगी का मुकदमा दर्ज किया गया। प्रभारी निरीक्षक डालनवाला ने ठगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम का गठन किया। गठित टीम ने 27 जुलाई को आरोपी के 33 ईसी रोड स्थित मीट यूपी ग्लोबल फर्म में रखे दस्तावेजो का गहनता से अवलोकन करते हुए आवश्यक साक्ष्य संकलन की कार्रवाई की गई तथा आरोपी भरत कुमार के खातों को फ्रीज करवाया गया।
दौराने विवेचना मुकदमा में नामजद मुख्य आरोपी भारत कुमार नर्वानी का सही नाम पता भरत कुमार निर्वाणी उर्फ नीरज निर्वाणी पुत्र वासुदेव निर्वाणी उर्फ विजय निवासी- सी-6 फ्लैट नंम्बर 504, पैसीफिक गोल्फ इस्टेट, सहस्त्रधारा रोड ज्ञात हुआ जो कि मुकदमा दर्ज होने के बाद से लगातार फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए एक टीम को मंगोलपुरी, रोहिणी, दिल्ली, नोएडा आदि स्थानो पर भेजा गया था, जिसमें आरोपी के सभी सम्भावित ठिकानो पर लगातार दबिशें दी जा रही थी, इसी बीच पुलिस टीम को मुखबिर के माध्यम से गौतमबुद्वनगर में छिपे होने की जानकारी प्राप्त हुई, जिस पर पुलिस टीम ने आरोपी भारत कुमार निर्वानी को गौतमबुद्वनगर स्थित फ्लैट नंबर 2034 महागुन माईवुड्स थाना बिसर से गिरफ्तार किया। जिसके कब्जे से तीन मोबाइल फोन, तीन डेबिट व क्रेडिट कार्ड बरामद हुए।
पूछताछ में आरोपी नरे बताया कि उसने ईसी रोड पर मीट यूपी ग्लोबल फर्म नाम से कार्यालय खोला गया था, जिसका रेंट एग्रीमेंट उसने अपनी पत्नी मीनाक्षी के नाम पर किया था तथा वह इस कार्यालय में डायरेक्टर था, उसमें युवाओ को विदेश में पढने तथा वर्क परमिट पर भेजने का काम किया जात था, पूर्व मेें भी उसमें इस काम को किया था तथा उसका कुछ ओवरसीज कम्पनी तथा सिंगापुर के कुछ एजेन्टों से डायरेक्ट कॉन्टेक्ट था, जिनके माध्यम से वह युवाओ को विदेश भेजने का काम करता था, आरोपी के विरूद्व पूर्व में दिल्ली तथा अन्य स्थानो पर धोखाधडी के मुकदमें दर्ज हुए थे, जिस कारण उसने कम्पनी में एचआर मैनेजर का काम देखने वाली युवती की आईडी पर कम्पनी के लिये सिम खरीदे थे तथा उसी युवती के नाम से कम्पनी के 2 बैंक खाते खुलवाकर उन्हें रजिस्टर्ड करवाया गया था।