राम मंदिर का निर्माण कार्य जोरों पर, 700 मजदूर बढ़ाए गए
रामजन्मभूमि में निर्माणाधीन राममंदिर के निर्माण कार्य में मजदूरों की संख्या बढ़ा दी गई है। अब 1600 कारीगर व मजदूर दिन-रात राममंदिर को आकार देने में जुटे हैं। अभी तक 900 मजूदर मंदिर निर्माण में लगे हुए थे, 700 मजदूरों को और लगाया गया है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले परिसर में चल रही अधिकांश योजनाओं को पूरा करने के लक्ष्य से मजदूर बढ़ाए गए हैं।
राममंदिर के भूतल को अंतिम स्पर्श देने का काम जोरों से चल रहा है। जनवरी 2024 में भव्य गर्भगृह में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जानी है। इससे पहले भूतल के सभी काम व यात्री सुविधाओं से संबंधित योजनाएं पूरी करने की तैयारी है। परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को मंदिर तक जाने में कोई असुविधा न हो इसके लिए परकोटे निर्माण के कार्य में तेजी लाने के लिए एलएंडटी ने अपने वर्करों की संख्या को लगभग दोगुना कर दिया है। अब 900 से बढ़ाकर 1600 मजदूरों को निर्माण कार्य में लगा दिया गया है।
राम जन्मभूमि परिसर में अलग-अलग तीन शिफ्ट में वर्करों को तैनात किया गया है, जिसमें सुबह 8 से 12, दोपहर में 1 से 5 और रात्रि में 7 से 11 बजे तक निर्माण का कार्य किया जा रहा है। अयोध्या में अलग-अलग स्थानों पर मजदूरों के रहने की व्यवस्था बनाई गई है।
मुख्य रूप से राम जन्मभूमि परिसर के निकट रामकोट क्षेत्र में ही इनके रुकने का इंतजाम किया गया है। हालांकि इस स्थान पर पहले 500 वर्करों के ठहरने के लिए अस्थाई निर्माण कराया गया था, जिसके बाद वर्करों की संख्या को बढ़ाने के साथ ही ठहरने की सुविधाओं में भी इजाफा किया गया है। अयोध्या के रामघाट और मीरापुर डेरा बीवी के क्षेत्र में भी कुछ भवनों को मजदूरों के लिए आरक्षित किया गया है।
परिसर में चल रहे ये काम
रामजन्मभूमि परिसर में मंदिर निर्माण के चलते अन्य कई योजनाओं पर काम चल रहा है। भूतल के स्तंभों में जहां मूर्तियां बनाने में कारीगर जुटे हैं वहीं प्रथम तल के स्तंभों को लगाने का भी काम शुरू कर दिया गया है। इसके लिए परिसर में परकोटा, बिजली केंद्र और यात्री सुविधा केंद्र का भी निर्माण कराया जा रहा है। वाटर प्लांट, रिटेनिंग वॉल निर्माण में भी मजदूर जुटे हैं।