सीएम धामी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखेंगे पत्र

केंद्रीय वित्त मंत्रालय की एक चिट्ठी ने राज्य सरकार को चिंता में डाल दिया है। मंत्रालय ने वाह्य सहायतित योजना (ईएपी) की परियोजनाओं के लिए धनराशि की सीलिंग करीब 9900 करोड़ तय कर दी है। यह सीलिंग वर्ष 2026 तक के लिए है। अब ईएपी के तहत राज्य सरकार इससे अधिक धनराशि के प्रोजेक्ट मंजूरी के लिए नहीं भेज सकेगी।

केंद्र के इस फरमान से राज्य सरकार की करीब 10 हजार करोड़ की विकास परियोजनाएं खटाई में पड़ गई हैं। राज्य सरकार ने 20236 करोड़ रुपये की 11 महत्वाकांक्षी विकास परियोजनाएं तैयार की हैं, जो विभिन्न चरणों में पाइपलाइन में हैं। इनमें से ज्यादातर को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। कुछ में फंडिंग एजेंसियों के साथ एमओयू होने हैं। लेकिन केंद्र के पत्र से इन पर संकट गहरा गया है।

सीएम लिखेंगे पीएम और वित्त मंत्री को पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले को नीति आयोग की बैठक में उठा चुके हैं। बताया जा रहा है कि अब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखने जा रहे हैं। वह इस मसले पर पीएम से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात कर सकते हैं।

उत्तराखंड, हिमाचल और उत्तरपूर्वी राज्यों के लिए सीलिंग

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की ओर से 25 मई को इस संबंध में कार्यालय आदेश प्राप्त हुआ। पत्र में उत्तराखंड राज्य, हिमाचल और उत्तर-पूर्वी राज्यों के लिए ईएपी की धनराशि की सीमा तय करने की सूचना दी गई है।

राज्य के अवस्थापना विकास में बड़ी मददगार

सीमित संसाधनों वाले उत्तराखंड सरीखे राज्य के लिए केंद्र की वाह्य सहायतित योजना बड़ी मददगार है। योजना के तहत स्वीकृत परियोजना का 90 फीसदी खर्च केंद्र सरकार वहन करती है। सीलिंग लगने से अवस्थापना विकास की बाकी योजनाओं के खर्च का बोझ राज्य सरकार के कंधों पर आ जाएगा, जिसे उठाना उतना सहज नहीं होगा। धामी सरकार ने 2025 तक उत्तराखंड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने का जो संकल्प लिया है, उसमें इन परियोजनाओं का सबसे अहम रोल है, लेकिन केंद्र के आदेश ने राज्य के नीति नियंताओं को चिंता में डाल दिया है।

केंद्रीय वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग का पत्र आया है। उत्तराखंड, हिमाचल, और उत्तर-पूर्व के राज्यों के लिए वाह्य सहायतित योजना के तहत 2026 तक के लिए सीलिंग तय की गई है। राज्य के 11 प्रोजेक्ट पाइपलाइन में हैं। इस मसले को मुख्यमंत्री नीति आयोग में रख चुके हैं कि कटौती से राज्य की अवस्थापना सुविधाओं को असर पड़ेगा। वह जल्द पीएम और केंद्रीय वित्त मंत्री को पत्र लिखेंगे। -आर. मीनाक्षी सुंदरम, सचिव, नियोजन

 

राज्य की 11 महत्वाकांक्षी परियोजनाएं जो पाइपलाइन में हैं

प्रोजेक्टधनराशि फंडिंग एजेंसी
जमरानी पेयजल बहुउद्देश्यीय योजना2584एडीबी
16 उपनगरों में शहरी अवस्थापना विकास3750एडीबी/एआईआईबी
देहरादून-मसूरी में श्रेष्ठ श्रेणी की परिवहन अवस्थापना1750एडीबी/एआईआईबी
उत्तराखंड शहरी जल आपूर्ति परियोजना1600जायका/
टिहरी झील विकास परियोजना1930एनडीबी/एडीबी
सौंग बांध पेयजल परियोजना2021एएफडी
ऋषिकेश में एकीकृत शहरी अवस्थापना विकास1400एडीबी
उत्तराखंड ऊर्जा पारेषण व वितरण सुधार1676एडीबी
नई शिक्षा नीति में उच्च शिक्षा में तकनीकी सहायता20एडीबी
उत्तराखडं हरित व समावेशी विकास परियोजना1480वर्ल्ड बैंक
हल्द्वानी में एकीकृत शहरी अवस्थापना विकास2025शहरी विकास

कुल                                                 20236

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