धरने पर बैठे छात्रों से मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज, डीजीपी अशोक कुमार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी किए
देहरादून:: श्री महंत इंद्रेश अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे छात्रों से मारपीट करने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए डीजीपी अशोक कुमार ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून दलीप सिंह कुंवर को निर्देश जारी किए हैं। मेडिकल छात्र फीस बढ़ोतरी के विरोध में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। आरोप है कि सोमवार शाम को कुछ व्यक्तियों ने उनका टैंट उखाड़ लिया और छात्रों के साथ मारपीट की।
शुल्क बढ़ोतरी व इंटर्नशिप के मामले को लेकर आंदोलनरत हैं छात्र
शुल्क बढ़ोतरी व इंटर्नशिप के मामले को लेकर एसजीआरआर मेडिकल कालेज के एमबीबीएस 2018-बैच के छात्रों ने अभद्रता और मारपीट का आरोप लगाया। छात्र सोमवार से कालेज के मुख्य प्रवेश द्वार पर धरना दे रहे हैं।
आंदोलित छात्रों का कहना था कि वह शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार सुबह बीच कुछ लोगों ने धरना स्थल पहुंचकर उनके साथ मारपीट और अभद्रता की।
आरोप लगाया कि धरनास्थल पर लगाया गया टेंट भी उखाड़ दिया गया। सूचना मिलने पर सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान व पुलिस के साथ मौके पर पहुंची और आंदोलनरत छात्र-छात्राओं से वार्ता की। छात्र-छात्राओं ने बुधवार से हड़ताल की चेतावनी दी है। इस बीच, डीएवी कालेज के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष पंकज क्षेत्री ने भी छात्रों के आंदोलन को समर्थन देने के लिए धरना स्थल पहुंचे। छात्र देर रात तक धरना स्थल पर डटे थे।
इधर, मेडिकल कालेज प्रबंधन ने मामले में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा है। कालेज के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी भूपेंद्र रतूड़ी के अनुसार प्रवेश एवं शुल्क नियामक समिति ने शुल्क का निर्धारण किया है, छात्रों से इसी अनुरूप शुल्क जमा कराने को कहा जा रहा है। अधिकांश छात्र निर्धारित शुल्क का भुगतान करने को तैयार हैं, पर कुछ असामाजिक तत्व माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
छात्रों ने एक दिन पहले कालेज के गेट पर धरना शुरू किया था, मंगलवार को टेंट लगाकर कालेज का प्रवेश द्वार बंद कर दिया। छात्र पुलिस-प्रशासन, मेडिकल कालेज प्रबंधन व अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी कर रहे हैं। जिससे जब-तब विवाद की स्थिति बन रही है।
धरनास्थल पर कुछ असमाजिक तत्वों ने प्राचार्य से मारपीट की भी कोशिश की। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को पत्र भेज गेट के सामने धरना समाप्त करवाने और हंगामा, तोड़फोड़ व शांति भंग करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई है।