उत्तराखंड में मौसम का बदलां मिजाज, पहाड़ी क्षेत्रों में बढ़ सकता है पारा

देहरादून : उत्तराखंड में मौसम शुष्क है, लेकिन सर्द हवाओं से ठिठुरन बनी हुई है। दिन में तेज धूप खिलने के बावजूद सुबह-शाम कंपकंपी महसूस की जा रही है। हालांकि, अगले पांच दिन प्रदेश में चटख धूप खिलने से तापमान चढ़ सकता है। प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से मौसम शुष्क बना हुआ है। चोटियों पर बीते दिनों हिमपात होने के बाद बर्फ पिघल रही है। जिससे पश्चिम से चलने वाली हवाएं भी सर्द हो गई हैं।

प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में अनियमित उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। हालांकि, दिन में खिल रही चटख धूप से फौरी राहत है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार, प्रदेश में अगले चार-पांच दिन मौसम शुष्क बने रहने का अनुमान है।

ज्यादातर क्षेत्रों में चटख धूप खिली रह सकती है। पर्वतीय क्षेत्रों में तापमान सामान्य से आठ से 12 डिग्री सेल्सियस अधिक रह सकता है। जिससे ग्लेशियर पिघलने, हिमस्खन की आशंका है। इसे लेकर मौसम विभाग ने आरेंज अलर्ट जारी किया है।

बीमारियों का खतरा बढ़ा

प्रदेश में मौसम साफ है और दिन में चटख धूप खिलने से पारा भी चढ़ने लगा है। जबकि, सुबह-शाम ठंड बरकरार है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में अधिक अंतर आने से बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। मौसम के इस मिजाज से कई प्रकार के वायरस सक्रिय हो रहे हैं और कोल्ड, फ्लू, लंग इन्फेक्शन समेत अन्य बीमारियां लोग को चपेट में ले रही हैं। ऐसे में अस्पतालों में भी मरीजों का दबाव बढ़ने लगा है।

मौसम विभाग ने अगले कुछ दिन तापमान में अत्यधिक उतार-चढ़ाव की चेतावनी दी है। फरवरी के पहले पखवाड़े में वर्षा-बर्फबारी कम होने और मौसम शुष्क होने से तापमान चढ़ने लगा है। हालांकि, सुबह और शाम के समय ठिठुरन बरकरार है, लेकिन दिन में चटख धूप अभी से चुभने लगी है।

यही मौसम अब सेहत को नासाज करने लगा है। सर्दी और गर्मी के इस उतार-चढ़ाव में कई प्रकार के वायरस सक्रिय हो गए हैं और तरह-तरह की बीमारियां लोग को जकड़ने लगी हैं। दिन में गर्मी के कारण अब गर्म कपड़े भी पैक होने लगे हैं।

चिकित्सकों की मानें तो गर्म कपड़े न पहनने पर ये वायरस लोग को आसानी से चपेट में ले लेते हैं। ऐसे में दिन में गर्मी महसूस होने के बावजूद चिकित्सक गर्म कपड़े पहने रखने की सलाह दे रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में भी इन दिनों मरीजों की संख्या में इजाफा होने लगा हैं। बच्चे और बूढ़ों को सीजनल बीमारियां आसानी से गिरफ्त में ले रही हैं। बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर विशेष ध्यान रखे जाने की आवश्यकता है।

वरिष्ठ फिजिशियन प्रवीन पंवार का कहना है कि मौसम परिवर्तन के दौरान फरवरी और मार्च की शुरुआत में कुछ सामान्य बीमारियों के फैलने का खतरा रहता है। इस दौरान बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पीने का पानी भी साफ होना चाहिए और अधिक ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। सुबह-शाम गर्म कपड़े पहनने के साथ ही सिर को भी ढककर रखना चाहिए।

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