मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को केंद्र की ओर से तकनीकी जांच और अन्य मदद का दिया भरोसा

जोशीमठ में आपदाग्रस्त क्षेत्र से प्रभावितों के विस्थापन एवं पुनर्वास तथा पुनर्निर्माण कार्यों के लिए प्रदेश सरकार केंद्र से राहत पैकेज की मांग करेगी। शासन राहत पैकेज का प्रस्ताव तैयार करने में जुट गया है। इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण(एनडीएमए) के चार सदस्यों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को केंद्र की ओर से तकनीकी जांच और अन्य मदद का भरोसा दिया। सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में सचिव गृह मंत्रालय डीएस गंगवार व  एनडीएमए के अधिकारियों एवं सदस्यों के बीच वार्ता हुई। 

मुख्यमंत्री से जोशीमठ भू धसांव से उत्पन्न स्थिति के बाद राहत एवं बचाव कार्यों के बारे में अभी उठाए गए कदमों की जानकारी दी। एनडीएमए सदस्यों का सुझाव था कि भूधसांव क्षेत्र में पानी कहां रुका हुआ है तथा भूधंसाव के कारण क्या हैं, इसका पता लगाया जाना जरूरी है। इसके लिए सभी संबंधित संस्थानों के वैज्ञानिकों का सक्रिय सहयोग लिया जाएगा ताकि समस्या का समाधान हो। साथ ही आपदा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए चयनित स्थलों का भी भूगर्भीय सर्वेक्षण पर ध्यान दिया जाए।

एक छत के नीचे हो सभी तरह की कार्रवाई
सदस्यों का कहना था कि भू धंसाव की समस्या के स्थाई समाधान की दिशा में भी कार्य योजना बनाई जाने तथा इस संबंध में सभी संस्थानों की रिपोर्टों पर की जाने वाली कार्रवाई एक छत के नीचे हो ताकि अध्ययन रिपोर्टों का त्वरित लाभ प्राप्त हो। 


कार्ययोजना पर समन्वय के साथ हो काम
मुख्यमंत्री ने एनडीएमए के सदस्यों से भू धसांव क्षेत्र की भूगर्भीय तथा अन्य आवश्यक जांच में सभी संबंधित संस्थाओं के समन्वय के साथ कार्य योजना में सहयोग की अपेक्षा की। 

उत्तराखंड के पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता आकलन हो
मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया कि उत्तराखंड के अन्य पर्वतीय शहरों की धारण क्षमता के आकलन के लिए भी आवश्यक वैज्ञानिक शोध एवं परीक्षण होना चाहिए।  

शहर को पूर्व स्वरूप में लाने की कोशिश हो: सीएम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जोशीमठ का सांस्कृतिक, पौराणिक के साथ सामरिक महत्व भी है। यह बदरीनाथ का प्रवेश द्वार है। इस शहर को उसके पूर्व स्वरूप में लाने के लिये सभी को मिलकर प्रयास करने होंगे। 

केंद्रीय दल में ये अधिकारी हैं शामिल
सचिव गृह मंत्रालय डीएस गंगवार, संयुक्त सचिव एसके जिंदल, एनडीएमए के सदस्य कमल किशोर, ले.ज. सैयद अता हसननै(सेनि), श्रीकृष्ण वत्स, राजेंद्र सिंह। इनके अलावा अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी व सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा।

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