पारिस्थितिकी एवं जैवविविधता पर आधारित पांच दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन
देहरादून। भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून में सेंट्रल माइन पलानिंग एंड डिजाइन इन्स्टीट्यूट (सी एम पीडी आई) के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हुआ। सेंट्रल माईन पलानिंग एंड डिजाइन इन्स्टीट्यूट (सी एम पीडी आई), रॉंची, जो कोल इण्डिया लिमिटेड का एक सहायक संस्थान है, के अधिकारियों के लिए पारिस्थितिकी एवं जैवविविधता से संबंधित 05 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून में शुरू हुआ। प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन पर्यावरण प्रबंधन प्रभाग, विस्तार निदेशालय, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून द्वारा किया जा रहा है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन अरूण सिंह रावत, महानिदेशक, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद द्वारा किया गया। उन्होंने अपने उद्घाटन भाषण में पारिस्थितिकी एवं जैवविविधता की महत्ता एवं प्रशिक्षण से संबंधित अन्य विषयों पर प्रकाश डाला। उद्घाटन समारोह में परिषद के उपमहानिदेशक, सहायक महानिदेशक और वैज्ञानिकों ने सी एम पीडीआई, रॉंची के प्रशिक्षु अधिकारियों के साथ भाग लिया। उद्घाटन सत्र में उपमहानिदेशक (विस्तार) ने भी पारिस्थितिकी एवं जैवविविधता का खनन के संदर्भमें वैज्ञानिक अध्ययन की उपयोगिता व वैज्ञानिक तरीकों से पारिस्थितिकी बहाली के तरीकों पर प्रकाश डाला।
उद्घाटन सत्र के बाद, कोयला खदान पर्यावरण पर पारिस्थितिकी और जैवविविधता के विभिन्न पहलुओं को शामिल करते हुए तकनीकी सत्र आयोजित किये गये। साथ ही आगामी दिनों में निर्धारित तकनीकी सत्रों में वनस्पतियों और जीवों के पारिस्थितिक अध्ययन, जैवविविधता और इसके संरक्षण और प्रबंधन से संबंधित नियमों और विनियमों, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन और वन भूमि का गैर कार्यों हेतु मंजूरी प्रक्रियाओं, खनन किए गए क्षेत्रों की पारिस्थितिक बहाली, मिट्टी के जीवाणुओं की पर्यावरण सुधार में भूमिका, वृक्षारोपण में कार्बन स्टॉक अनुमान, पारिस्थितिकी और जैवविविधता अध्ययन मे ंरिमोटसेंसिंग-जी आई एस उपयोग, पर्यावरण लागत-लाभ विश्लेषण और अन्य संबंधित पहलुओं को भी शामिल किया जाएगा। तकनीकी सत्र के अलावा, प्रशिक्षण से संबंधित वन क्षेत्रों व पारिस्थितिक बहाली के लिये किये गए कार्यस्थलों का दौरा तथा संबंधित जानकारी को भी शामिल किया जाएगा।