केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर से विकास कुमार को प्राप्त हुआ गोल्ड मेडल

केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर से विकास कुमार को प्राप्त हुआ गोल्ड मेडल

केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर से विकास कुमार को प्राप्त हुआ गोल्ड मेडल

भोपाल । विकास कुमार को 26 अप्रैल ,2022 को संपन्न हुए डॉ हरीसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय सागर मध्य प्रदेश के 30 वें दीक्षांत समारोह में राजनीति विज्ञान से प्रथम रहे प्राप्त करने पर राज्य शिक्षा मंत्री अन्नपूर्णा देवी जी एवं प्रोफ़ेसर नीलिमा गुप्ता जी (कुलपति महोदया) के द्वारा गोल्ड मेडल से पुरस्कृत किया गया। विकास कुमार वर्तमान समय में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय केंद्रीय विश्वविद्यालय अमरकंटक के राजनीति विज्ञान एवं मानवाधिकार विभाग से प्रोफ़ेसर अनुपम शर्मा ( विभागाध्यक्ष) के निर्देशन में शोध (पीएचडी)कर रहे हैं। इस अवसर पर विभाग के सभी प्राध्यापक जिनमें प्रोफेसर घनश्याम शर्मा, डॉ. अनिल कुमार, डॉ. उदय सिंह राजपूत, डॉ. चकाली ब्रह्मईभैया , ज्योति मैडम आदि ने बधाईयां दी। विकास ने 2018 में सागर विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया था जिसमें 2020 में वह प्रथम रैंक से उत्तीर्ण हुए थे इसके पश्चात उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालय अमरकंटक में शोध में प्रवेश लिया उन्होंने यूजीसी द्वारा आयोजित परीक्षा नेट में भी सफलता हासिल की हुई है। वह सदैव शिक्षणेत्तर गतिविधियों में सक्रिय रहते हैं उनके सात से अधिक शोध पत्र भी प्रकाशित है तथा 200 से अधिक विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओं में आर्टिकल भी लिख चुके हैं । उनको विभिन्न संस्थाओं से कई पुरस्कार भी प्राप्त है। विकास कुमार के पिता शिवपूजन यादव एक किसान हैं एवं उनकी माता श्रीमती कमला देवी ग्रहणी है। बचपन से ही अत्यंत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा जिसमें उनके छोटे भाई रामचंद्र यादव ने भरपूर सहयोग किया। अपनी पढ़ाई छोड़ कर विकास की पढ़ाई जारी रखने का फैसला किया और स्वयं कमा कर उसके पढ़ाई का खर्च वहन करने लगे। उनकी छोटी बहन गुनगुन यादव एवं अर्चना यादव तथा छोटे भाई अनिल कुमार ने सदैव शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति करने के लिए उनका सतत हौसला बढ़ाया। विकास को गोल्ड मेडल मिलने पर उसके परिवार के सदस्य बहुत ही खुश हैं उनका कहना है कि विकास बचपन से ही मेधावी छात्र रहा है पढऩे लिखने में वह सदा अब्बल रहता था, सर्वाधिक रूचि उसकी शिक्षणेत्तर गतिविधियों में रहती थी साथ ही साथ वह सामाजिक गतिविधियों में भी सक्रिय रहता था। उनके शोध साथियों में सुभद्रा महाराणा,मानसी कुमारी, गोपाल सिंह, अनामिका पुंडीर, स्नेहा यादव, वेदांश मिश्रा, अजय राय आदि ने भी बधाइयां दी।

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