वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की जयन्ती पर उक्रांद ने दी भावभीनी श्रद्धांजलि

देहरादून:पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी की 129 वीं जयंती पर उक्रांद ने याद करते हुये भावभीनी श्रद्धांजलि दी। पार्टी कार्यालय 10 कचहरी रोड़ देहरादून में गढ़वाली जी को याद करते हुये कहा कि उनका जन्म 25 दिसम्बर 1891 में हुआ। 1914 में रॉयल गढ़वाल राइफल्स में भर्ती होने के बाद प्रथम विश्व युद्ध मे भाग लिया। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी ने अपनी छाप 23 अप्रैल 1930 को बनायी, जब हवलदार मेजर  वीर चंद्र सिंह गढ़वाली रॉयल गढ़वाल राइफल्स का नेतृत्व पेशावर में कर रहे थे। अंग्रेज अफसर ने जब पठानों के ऊपर गोली चलाने का आदेश दिया तो जवानों की टुकड़ियों का नेतृत्व कर रहे गढ़वाली जी ने निहत्थे पठानों के ऊपर गोली चलाने से मना कर दिया। यही से वीर चंद्र सिंह पेशावर कांड के नायक हिंदुस्तान के इतिहास में बन गये थे।
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पृथक उत्तराखंड राज्य के सबसे बड़े पक्षधर थे। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू से भी पर्वतीय भूभाग उत्तराखंड को अलग राज्य बनाने को कहा। वीर चंद्र सिंह गढ़वाली राज्य की राजधानी दूधातोली की बात करते थे, जो गैरसैण परिक्षेत्र के नजदीक है। उत्तराखंड क्रान्ति दल ने पेशावर कांड के नायक  को सम्मान देते हुये सन 1992 में रानी का ब्लू प्रिंट जारी किया तो राज्य की राजधानी गैरसैंण घोषित किया। जिसे गढ़वाली जी के नाम पर चंद्र नगर गैरसैंण रखा गया था। आज उनके 129 वीं जन्मदिवस पर उक्रांद की मांग सरकार से है कि गढ़वाली जी के नाम पर चंद्र नगर गैरसैंण किया जाय। आज के कार्यक्रम में लताफत हुसैन, जय प्रकाश उपाध्याय, सुनील ध्यानी, शकुंतला रावत, धर्मेंद्र कठैत, बिजेंद्र रावत, अशोक नेगी, किरन रावत कश्यप, राजेन्द्र प्रधान, अरविंद बिष्ट, गणेश काला, नरेश गोदियाल आदि उपस्थित रहे।

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