देश के 9 करोड़ किसान परिवारों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रूपये की धनराशि हस्तांतरित
देहरादून:प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सुशासन दिवस के अवसर पर किसान सम्मान निधि का ऑनलाईन ट्रांसफर किया गया। देश के 9 करोड़ किसान परिवारों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रूपये की धनराशि हस्तांतरित की गई। उत्तराखण्ड के 8 लाख 27 हजार किसान परिवारों के खातों में दी गई 165 करोड़ की धनराशि। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने विभिन्न राज्यों के किसानों से बातचीत कर पीएम किसान सम्मान निधि, किसान क्रेडिट कार्ड से होने वाले लाभ के बारे में जानकारी ली। प्रधानमंत्री ने नये कृषि कानून से किसानों को होने वाले फायदों के बारे में उनसे जानकारी ली।
पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से जनता को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि किसानों के जीवन में खुशी हम सभी के जीवन में खुशी बढ़ा देती है। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी की जन्म जयंती को सुशासन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। अटल जी ने गीता के संदेशों के अनुरूप जीवन जीने का प्रयास किया। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के प्रति अपने कर्मों को पूरी निष्ठा से निभाने में समर्पित किया। सुशासन को भारत के राजनीतिक एवं सामाजिक विमर्श का हिस्सा बनाया। गांव और गरीब के विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना, अन्त्योदय अन्न योजना, सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से उन्होंने राष्ट्र जीवन में सार्थक बदलाव लाने वाले अनेक कदम उठाये।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने वर्चुअल माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म दिवस सुशासन दिवस के रूप में मनाया जाता है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की पारदर्शी सोच से किसानों के खातों में सालाना 06 हजार रूपये पीएम किसान सम्मान निधि एकाउण्ट में पहुंचता है। कृषि सुधारों के कारण किसान तरक्की की ओर बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दुगुनी करने का जो लक्ष्य रखा है, इसके लिए ये कृषि सुधार किये गये हैं। आज हमारा किसान बेड़ियों में जकड़ा हुआ नहीं है। आज कहीं भी जाकर वह अपने उत्पादों को बेच सकता है। तमाम लोग भ्रम फैला रहे हैं, कि एमएसपी खत्म हो जायेगी, ये लोग किसानों को धोखा देने का कार्य कर रहे हैं। सरकार जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान में विश्वास रखती है। प्रधानमंत्री जी ने सबका साथ, सबका विकास का मंत्र दिया है। गांव, शहर, किसानों, गरीबों के विकास से ही सर्वांगीण विकास हो सकता है। शहरों के विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों का विकास भी बहुत जरूरी है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में किसानों को 03 लाख एवं समूहों को 05 लाख रूपये तक का ब्याज मुक्त ऋण दिया जा रहा है। गन्ना किसानों का पूर्ण भुगतान किया जा चुका है। इकबालपुर शुगर मिल को सरकार ने अपनी गारंटी पर लोन दिलवाया। 22500 किसान इस मिल में कार्य करते हैं। इन किसानों का भुगतान हो रहा है। कृषकों को फार्म मशीनरी बैंकों के माध्यम से कृषि उपकरणों के लिए 80 प्रतिशत सब्सिडी दी जा रही हैं। नई नस्ल के पौधे लाये जा रहे हैं। राज्य सरकार किसानों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है। किसानों को जो भ्रमित करने का प्रयास किया जा रहा है, उन्हें भ्रमित नहीं होने देंगे। किसान की आय सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण निर्णय भारत सरकार ने लिया है। कृृषि के बुनियादी ढ़ांचे को मजबूत करने के लिए भारत सरकार ने एक लाख करोड़ रूपये का प्राविधान किया है। खेती के लिए बजट बढ़ाया गया है। इससे किसानों को आधुनिक खेती करने का मौका मिलेगा। एफपीओ स्थापित होंगे। भारत सरकार ने शहद उत्पादन के लिए 500 करोड़ रूपये का प्राविधान किया है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसान लाभान्वित हो रहे हैं। उत्तराखण्ड में वर्ष 2019-20 में 02 लाख 12 हजार 621 कृषकों द्वारा फसल बीमा कराया गया। जिसमें 96 हजार 770 किसानों को 103.55 करोड़ की क्षतिपूर्ति का भुगतान किया गया। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना शुरू होने से अब तक राज्य में 3 लाख 15 हजार 67 किसानों को 282.82 करोड़ रूपये की क्षतिपूर्ति प्राप्त हुई है। राज्य सरकार खुशहाल किसान, खुशहाल प्रदेश के सूत्रवाक्य को आत्मसात करते हुए किसानों के हितों में कार्य कर रही है। इस अवसर पर वर्चुअल माध्यम से केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, देहरादून के पवेलियन मैदान में आयोजित कार्यक्रम में सांसद एवं उत्तराखण्ड भाजपा की सह प्रभारी रेखा वर्मा, विधानसभा अध्यक्ष प्रेम चन्द अग्रवाल, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, खजान दास, मुन्नी देवी शाह, मेयर सुनील उनियाल गामा, मुख्य सचिव ओम प्रकाश एवं कृषक उपस्थित थे।