TikTok की पैरेंट कंपनी ByteDance ने भारत में बंद किया कारोबार
टिकटॉक (TikTok) की पैरेंट कंपनी बाइटडांस (ByteDance) भारत से अपना बोरिया बिस्तर समेटने की तैयारी कर रही है. गुड़गांव स्थित ये कंपनी अब भारत से अपना कारोबार लगभग खत्म कर चुकी है. सामने आई जानकारी के मुताबिक कंपनी ने अपने कर्मचारियों को 3 महीने की एडवांस सैलरी दे दी है, इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि अब कंपनी भारत में बिजनेस नहीं करेगी.
बता दें टिकटॉक पर भारत ने बैन लगा दिया है. इसी के साथ कंपनी को और भी देशों से कड़े रुख का सामना करना पड़ रहा है. भारत में टिकटॉक बैन के बाद बाइटडांस कुछ समय से इंडोनेशिया और दूसरी जगहों से भारत के बिजनेस को हैंडल कर रही थी, मगर अब कंपनी ने भारत में पूरी तरह से अपना कारोबार खत्म करने का फैसला कर लिया है.
ByteDance की तरफ से कर्मचारियों को एक मेल भेजा गया है. इसमें कहा गया है, “हमने 29 जून, 2020 को जारी भारत सरकार के आदेश का पालन करने के लिए तेजी से काम किया है. हम लगातार कोशिश करते हैं कि हमारे ऐप स्थानीय कानूनों और नियमों का अनुपालन करें और जो भी दिक्कतें हैं उन्हें दूर करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करें. इसलिए यह निराशाजनक है कि बीते सात महीनों में, हमारे प्रयासों के बावजूद हमें यह स्पष्ट निर्देश नहीं दिया गया है कि हमारे ऐप्स को कैसे और कब दोबारा परमिट किया जा सकता है. हमारे पास अपनी वर्कफोर्स को कम करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.”
ByteDance ने क्यों लिया ये बड़ा फैसला
दरअसल भारत टिकटॉक के साथ 58 और चीनी ऐप पर स्थायी प्रतिबंध लगाने की तैयारी (Impose) कर रहा है. जानकारों का कहना है कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Meity) ने भारत में इन ऐप पर स्थायी प्रतिबंध (Ban) लगाने के लिए नए सिरे से नोटिस जारी किया है. जिन ऐप पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, उनमें टिकटॉक से साथ ही 58 और ऐप भी शामिल हैं. यही वजह है कि अब ByteDance भी भारत से अपना ऑपरेशन खत्म कर रही है.
जानकारों का कहना है कि सरकार इन कंपनियों (Companies) द्वारा दिए गए रिस्पॉन्स और स्पष्टीकरण से संतुष्ट (Satisfied) नहीं है. इसलिए, इन 59 ऐप्स पर स्थाई रूप से प्रतिबंध लगाने की तैयारी की जा रही है. प्रतिबंध (Ban) के लिए पिछले हफ्ते ही कंपनियों को नोटिस जारी किया गया है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Ministry) ने जून में 59 ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसमें बाइटडांस के टिकटॉक, अलीबाबा के यूसी ब्राउज़र और टेनसेंट के वीचैट शामिल हैं. ऐप को बैन करते हुए कहा गया था कि इनके जरिए भारत की संप्रभुता और अखंडता के खिलाफ गतिविधियां की जा रही है.
सरकार ने इन कंपनियों को स्थायी प्रतिबंध लगाने से पहले गोपनीयता और सुरक्षा जरूरतों के अनुपालन के बारे में अपना पक्ष रखने का मौका दिया था. कंपनियों को इस बारे में मंत्रालय द्वारा भेजे गए सवालों का जवाब देने के लिए भी कहा गया था. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत 59 ऐप पर प्रतिबंध लगाया गया था.
पिछले छह महीनों में भारत सरकार 208 और चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा चुकी है. भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव के बीच प्रतिबंध की घोषणा की गई थी, राजनयिक और सैन्य स्तरों पर कई दौर की बातचीत के बावजूद चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.