नई एसओपी जारी, 31 जनवरी तक के लिए बढ़ाई गई गाइडलाइन
देहरादून: कोविड-19 संक्रमण को लेकर केंद्र सरकार के बाद अब उत्तराखंड सरकार ने भी अपनी गाइडलाइन 31 जनवरी तक के लिए बढ़ा दी है। मंगलवार को मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने इस संबंध में नई एसओपी जारी कर दी। प्रदेश सरकार की ओर से नए कोरोना स्ट्रेन को देखते हुए नए प्रतिबंध तो नहीं लगाए गए, लेकिन अनलॉक की उम्मीद के अनुरूप पूर्व के प्रतिबंधों में भी ढील नहीं दी गई।
नई एसओपी में कोरोना वैक्सीन की तैयारी पर जोर दिया गया है। साथ ही सर्दी और नए साल के जश्न को देखते हुए संक्रमण के फैलाव के प्रति आगाह किया गया है। प्रदेश में सार्वजनिक समारोह आदि में अधिकतम लोगों की संख्या 100 तय है, नई एसओपी में सरकार ने इस प्रतिबंध को जस का तस रखा है। इसके साथ ही साप्ताहिक बंदी के अधिकार जिला प्रशासन के पास सुरक्षित रखे गए हैं। ऐसे में नए साल के आयोजनों पर संबंधित जिलों के प्रशासन का अंकुश बना रहेगा। एसओपी में सर्दियों में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका भी जताई गई है, जिसके चलते जिलों के प्रशासन पर ढील न देने का दबाव बना रहेगा।
एसओपी में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि स्थानीय परिस्थिति के अनुसार, संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए जिला प्रशासन अपनी ओर से सख्त निर्णय ले सकते हैं। इसमें साप्ताहिक बंदी और नाइट कर्फ्यू जैसे कड़े फैसले भी शामिल हैं। कंटेनमेंट जोन घोषित करने और इन जोनों में पूर्ण तालाबंदी का अधिकार भी जिला प्रशासन के पास है। शादी समेत अन्य समारोह में 100 से अधिक लोगों को इकट्ठा न होने देने सहित अन्य दिशा-निर्देश को लागू कराना भी जिलाधिकारियों के जिम्मे है। नई एसओपी में जिलाधिकारियों और संबंधित विभागों को वैक्सीन को लेकर पूरी तैयारी करने का आदेश दिया गया है। 31 जनवरी तक के लिए जारी एसओपी में प्रदेश में समारोह आदि के आयोजन में पूर्व में जारी 100 लोगों की शर्त लागू रहेगी। नई एसओपी से प्रदेश सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 29 नवंबर को जारी पूर्व की एसओपी की शर्तें जस की तस लागू रहेंगी। कोरोना के नए स्ट्रेन के मद्देनजर सरकार की ओर से यह साफ कर दिया गया है कि सतर्कता बरतने और निगरानी रखने की कोशिश में कहीं से कोई कमी नहीं होगी। नए साल के जश्न और सर्दियों को देखते हुए सरकार ने माना है कि कोरोना संक्रमण का फैलाव अधिक हो सकता है। यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इस मामले को लेकर सतत निगरानी में कहीं कोई कमी नहीं की जाएगी। एसओपी में केंद्र सरकार के स्तर पर वैक्सीन को जारी करने की तैयारी का संज्ञान भी लिया गया है। जिला प्रशासन से कहा गया है कि वह स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित विभागों से संपर्क कर कोरोना वैक्सीनेशन के पहले चरण में चिह्निकरण, डाटा बेस बनाने, वैक्सीन की डिलीवरी, भंडारण, सुरक्षा, परिवहन और वैक्सीन के लाभार्थियों के बारे में दिशा-निर्देश जारी कर सकता है। एसओपी में 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट से जारी आदेश का भी संज्ञान लिया गया है। संबंधित पक्षों से कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को दिशा-निर्देशों का पूर्ण पालन करने और दिशा-निर्देश एसओपी आदि का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की स्वतंत्रता दी है। नई एसओपी में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि अंतरराज्यीय और राज्यों के अंदर परिवहन में किसी भी तरह की रोक टोक नहीं होगी।