भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में वित्तीय अनियमितता की प्रमुख सचिव आनंद वर्धन करेंगे जांच
देहरादून: उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में सांसद मेनका गांधी द्वारा वित्तीय अनियमितताओं के आरोप की जांच का जिम्मा अब प्रमुख सचिव आनंद वर्धन को दिया है। पहले अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को जांच के आदेश दिए गए थे, लेकिन उनकी व्यस्तता के कारण अब इस मामले की जांच प्रमुख सचिव आनंद वर्धन करेंगे।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मेनका गांधी ने हाल ही में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र से कहा था कि उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड में भारी वित्तीय अनियमिताएं हुई है। सांसद मेनका गांधी का आरोप है कि उत्तराखंड भेड़ एवं ऊन विकास बोर्ड के अधिकारियों ने विश्व बैंक से तीन हजार करोड़ का ऋण लेकर सरकारी धन की बंदरबांट की है। इसके अलावा उन्होंने कई और गंभीर आरोप लगाए हैं। जिसमें ऑस्ट्रेलिया से बूढ़ी मेरिनो भेड़ों का खरीदना, बिना बोर्ड में पद सृजित किए डेपुटेशन पर अधिकारियों को तैनात करना और ढाई लाख वेतन पर कंसलटेंट को नियुक्त करना। साथ ही 13 लाख की महंगी कार खरीदी गई। इन सभी मामलों की जांच होनी चाहिए। मेनका गांधी के पत्र का संज्ञान लेते हुए सीएम ने मुख्य सचिव को उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद पहले सीएस ओम प्रकाश ने अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार को जांच की जिम्मेदारी दी थी, लेकिन मनीषा पंवार द्वारा व्यस्तता को दर्शाते हुए मुख्य सचिव ने जांच अब प्रमुख सचिव आनंद वर्धन को सौंप दी है।