अपने बेटों को लॉन्च करने के सवाल पर बोलीं माधुरी दीक्षित
बॉलिवुड में बीते कई सालों में कई स्टार-किड लॉन्च हुए। आलिया भट्ट, वरुण धवन, टाइगर श्रॉफ, सूरज पंचोली, जाह्नवी कपूर, सारा अली खान और अनन्या पांडे जैसे कई सितारों के बच्चों की एंट्री बॉलिवुड में हुई है। अब अगला नंबर है शाहरुख खान की बेटी सुहाना खान, दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी की छोटी बेटी खुशी कपूर और संजय कपूर की बेटी का। वैसे यह सारे बच्चे अभी ऐक्टिंग से जुड़ी पढ़ाई कर रहे हैं।
हाल ही में शाहरुख की दोस्त जूही चावला ने कहा था कि वह अपनी बिटिया को बॉलिवुड फिल्मों में ऐक्टिंग करते हुए देखना चाहती हैं। वहीं शाहरुख ने यह साफ किया की उनके बेटे को ऐक्टिंग में ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, लेकिन बिटिया सुहाना ऐक्टिंग की खूब तैयारी कर रही हैं। वैसे बॉलीवुड की नजर इन दिनों माधुरी दीक्षित के बेटों पर भी है, जो इस समय मुंबई में ही पढ़ाई कर रहे हैं। माधुरी कभी भी अपने बेटों की पसंद को लेकर कोई बात नहीं करती हैं।
मुंबई में फिल्म गन्स ऑफ बनारस के ट्रेलर लॉन्च के दौरान जब माधुरी से सवाल किया गया कि बॉलीवुड में अपने बेटों की लॉन्चिंग को लेकर क्या सोचती हैं? जवाब में माधुरी ने कहा, अरे बाप रे… पता नही उन्हें ( बेटों को ) क्या करना है। उन्हें लॉन्च होना है कि नही यह बच्चों की पसंद पर है। इस मामले में मुझे बच्चों के साथ किसी तरह की कोई जबरदस्ती नहीं करना है। बेटों को जबरदस्ती लॉन्च नही करना है।
माधुरी आगे कहती हैं, मुझे लगता है कि बच्चों का पैशन जिस भी फील्ड में है, उन्हें उसी फील्ड में सपॉर्ट करना चाहिए, ताकि जब वह काम पर जाएं तो उन्हें ऐसा ना लगे कि वह सिर्फ काम करने जा रहे हैं। बच्चों को काम पर जाते समय खुशी और उत्साह होना चाहिए। मैं अपने बेटों को वही काम करने के लिए प्रोत्साहित करूंगी, जो वह करना चाहते हैं।
बच्चों के बोर्ड परीक्षाएं और पढ़ाई-लिखाई के प्रेशर से जुड़े सवाल पर माधुरी ने कहा, इस सवाल ने मुझे भी डरा दिया और मुझे लग रहा है कि मेरे बच्चों के भी टेस्ट और परीक्षाएं आने वाली हैं। बच्चों को टेंशन मत दीजिये, उन्हें प्यार से पढ़ाइए और सिखाइए कैसे पढऩा है। बच्चों को सही तरीके और आसान तरीके से पढऩा और याद करना सिखाइए।
अपनी बात समाप्त करते हुए माधुरी कहती हैं, माता-पिता के लिए यह समझना जरूरी है कि वे शांत रहें, बच्चों से बात करें। प्रेशर देकर पढ़ाने की कतई आवश्यकता नहीं है, हर एक बच्चे का अपना अलग टैलंट होता है। हमें अपने बच्चों के उस टैलंट को सपॉर्ट करना है, ताकि उनकी अपनी क्षमता का विकास सही ढंग से हो।