कर्नाटक में उपचुनाव के लिए वोटिंग जारी
कर्नाटक के 15 विधानसभा क्षेत्रों में गुरुवार सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक उपचुनाव की वोटिंग चलेगी। उपचुनाव के नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे। चुनाव अधिकारी जी. जाडियप्पा ने कहा कि कर्नाटक के दक्षिणी और उत्तरपश्चिमी क्षेत्र में गुरुवार सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए कड़े सुरक्षा उपाय समेत सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. उपचुनाव यहां की 15 विधानसभा सीटों पर होंगे।
कर्नाटक में 15 विधानसभा सीटों पर गुरुवार को हो रहा उपचुनाव राज्य में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की किस्मत तय करेगा। हालांकि, राजनीतिक दलों को उपचुनाव में कम मतदान होने की संभावना है। भाजपा को राज्य की सत्ता में बने रहने के लिए 225 सदस्यीय विधानसभा (स्पीकर सहित) में 15 सीटों (जिन पर उपचुनाव हो रहे हैं) में कम से कम छह सीटें जीतने की जरूरत है।
लाख मतदाता देंगे वोट
अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। कुल 37.78 लाख मतदाता मतदान के लिए योग्य हैं। इसके लिए सारी तैयारियां कर ली गई हैं। ये उपचुनाव 17 विधायकों को अयोग्य करार देने से पैदा हुई रिक्तियों को भरने के लिए हो रहे हैं। इन विधायकों में कांग्रेस और जेडीएस के बागी नेता शामिल थे। इन विधायकों की बगावत के चलते जुलाई में एचडी कुमारस्वामी नीत कांग्रेस-जेडीएस सरकार गिर गई थी और भाजपा के सत्ता में आने का मार्ग प्रशस्त हुआ।
उपचुनाव के नतीजे 9 दिसंबर को
उपचुनाव के नतीजे 9 दिसंबर को आएंगे। इन उपचुनाव परिणामों का इंतजार राज्य के सभी प्रमुख दलों को बेसब्री से रहेगा क्योंकि इससे ही यह पता चलेगा कि कर्नाटक में चार महीने पुरानी बीजेपी सरकार टिकी रहेगी या गिर जाएगी।
इन सीटों पर होना है उपचुनाव
आपको बता दें कि कर्नाटक में उपचुनाव यहां की अठानी, कगवाड़, गोकक, येलापुर, हिरेकेरूर, रानीबेन्नूर, विजयनगर, चिकबेलापुर, के.आर. पुरा, यशवंतपुरा, महालक्ष्मी लेआउट, शिवाजीनगर, होसाकोटे, के.आर. पेटे, हुनसूर सीटों पर होंगे। मुसकी (राइचुर जिला) और आर.आर. नगर (बेंगलुरू) के उपचुनाव पर कर्नाटक उच्च न्यायालय में मई 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजे को लेकर दायर मुकदमे की वजह से रोक लगा दी गई है।
बीजेपी को हर हाल में जीतनी होगी 6 सीट
महाराष्ट्र की सत्ता गंवाने के बाद बीजेपी के सामने अगली चुनौती कर्नाटक में अपनी सरकार बचाने की हो गई है। राज्य में 15 विधानसभा सीटों के लिए हो रहे उप-चुनाव में भाजपा को सरकार बचाने के लिए हर हाल में 6 सीटें जीतनी होंगी. ऐसा नहीं होने पर कर्नाटक की बी.एस. येदियुरप्पा सरकार गिरने का संकट उत्पन्न हो जाएगा।
बीजेपी ने बागियों को दिया है टिकट
बीजेपी ने सभी बागियों को (जो कांग्रेस-जेडीएस) को छोड़ कर बीजेपी में आए थे, उन्हें इन 15 सीटों पर अपना प्रत्याशी बनाया है। दिक्कत यह है कि इन प्रत्याशियों से उनके पूर्व के कैडर और समर्थक (कांग्रेस-जेडीएस) उनके विश्वासघात से नाराज हैं. दूसरी तरफ भाजपा का कैडर भी इन्हें प्रत्याशी बनाए जाने से नाखुश है।
बीजेपी ने चुनाव मैदान में कांग्रेस और जेडीएस छोड़कर आए क्रमश: 11 और तीन विधायकों को उतारा है। इन लोगों ने 14 नवंबर को सत्तारूढ़ पार्टी का दामन थाम लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने 13 नवंबर को अपने फैसले में इनकी अयोग्यता बरकरार रखते हुए इन्हें दोबारा चुनाव लड़ने की इजाजत दी थी। गौरतलब है कि विधानसभा अध्यक्ष के.आर. रमेश कुमार ने 25 और 28 जुलाई को इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।
12 सीटों पर मुकाबला होगा त्रिकोणीय
15 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 165 उम्मीदवार खड़े हैं, जिसमें 126 निर्दलीय और नौ महिलाएं शामिल हैं। बीजेपी और कांग्रेस सभी 15 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं. जेडीएस ने 12 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार रखे हैं, जहां चुनाव त्रिकोणीय होने की संभावना है। बेलगावी जिले के अठानी, उत्तर कन्नड़ जिले के येलापुर और बेंगलुरू ग्रामीण जिले के होसाकोटे में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।
जानकारी के मुताबिक 15 विधानसभा क्षेत्र में 38 लाख से ज्यादा मतदाता हैं, जिसमें 19.25 लाख पुरुष और 18.52 लाख महिलाएं हैं। 5 विधानसभा क्षेत्रों के 884 अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों सहित 4185 मतदाता केंद्रों पर मतदान होंगे। इन मतदान केंद्रों पर पूरे दिन के मतदान के लिए कुल 8,326 बैलेट यूनिट्स, 8,186 कंट्रोलिंग यूनिट्स और 7,876 वीवीपीएटी मौजूद रहेंगे. सुरक्षा की बात करें तो इन 15 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए 21,000 मतदान अधिकारी और करीब 19,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जिसमें राज्य पुलिस और केंद्रीय बल भी शामिल हैं।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए गए हैं। सभी 15 विधानसभा क्षेत्रों में किसी भी तरह की अवांछित घटना से बचने और शांतिपूर्ण चुनाव सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है।