मंत्री यशपाल आर्य:दिव्यांग जन दया के पात्र नहीं बल्कि दिव्यांगों का बोध होना जरूरी
दिव्यांगों के पास दिव्य शक्ति होती है। उनकी प्रतिभा उनके अंगों की मोहताज नहीं होती। समाज को यह समझना होगा कि दिव्यांगों के प्रति दया भाव नहीं दायित्व बोध की आवश्यकता है। ये बातें समाज कल्याण मंत्री यशपाल आर्य ने मंगलवार को दिव्यांग सम्मान समारोह में कहीं।
विश्व दिव्यांग दिवस पर सुभाष रोड स्थित लॉर्ड वेंकटेश्वर हॉल में आयोजित समारोह में कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे।
दिव्यांग प्रतिभाओं को किया गया सम्मानित
राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांग सशक्तीकरण संस्थान (एनआइईपीवीडी) की ओर से देशभर से चयनित पांच दिव्यांग प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। एनआइईपीवीडी में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में बतौर मुख्य अतिथि आयुर्वेद विवि के कुलपति प्रो. सुनील कुमार जोशी ने शिरकत की। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों में प्रतिभा का भंडार है। सही मार्गदर्शन और संसाधनों के बल पर दिव्यांग कई कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। विशिष्ट अतिथि श्रीदेव सुमन के परीक्षा नियंत्रक प्रो. आर चौहान ने कहा कि दृष्टि दिव्यांगजनों ने अपनी प्रतिभा से श्रेष्ठता की मिसाल कायम रखी है।
वहीं, एनआइईपीवीडी के निदेशक प्रो. नचिकेता राउत ने संस्थान की गतिविधियों के बारे में बताया। इस दौरान पंजीकरण पटल की सुनीता गुप्ता की पुस्तक संस्कृत अधिगम वाणी और मनीष वर्मा की डिजायन की गई क्रिकेट बॉल का भी विमोचन किया गया। समारोह के दौरान सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से संस्थान के छात्र-छात्रओं ने खूब समा बांधा। साथ ही छात्रों ने रंगोली प्रतियोगिता में भी प्रतिभा दर्शायी। इस अवसर पर दिव्यांग प्रतिभा मधु सिंघल, दीपेंद्र मनोचा, कमल कुमार प्रजापति, वर्षा डखार और पंकज सिन्हा को एनआइईपीवीडी उत्कृष्टता पुरस्कार प्रदान किया गया। समारोह में आर के बबख्शी, पूनम शर्मा, कमलबीर सिंह, डॉ. जसमेर सिंह, जीडी पांडेय, सुभाष ¨बजोला आदि उपस्थित रहे। संस्थान के लोक संपर्क अधिकारी योगेश अग्रवाल ने बताया कि संस्थान की ओर से सेवानिवृत्त कार्मिकों के लिए निश्शुल्क शिविर का आयोजन किया गया।
नंदा देवी दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन ने मनाया काला दिवस
दिव्यांग कल्याण विभाग बनाने सहित 18 सूत्रीय मांगों पर कार्रवाई न होने पर आक्रोशित नंदा देवी निर्धन दिव्यांग कल्याण एसोसिएशन ने परेड ग्राउंड में धरना-प्रदर्शन कर काला दिवस मनाया। बाद में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से मिले आश्वासन के बाद एसोसिएशन ने अपना धरना समाप्त किया। धरने को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष बसंत थपलियाल ने लंबे समय से दिव्यांग कल्याण विभाग को समाज कल्याण से अलग कर आयुक्त दिव्यांगजन विभाग से एकीकरण करने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
उन्होंने दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 पूर्ण तरीके से लागू कर यूनिवर्सल आइडी बनाने की मांग की। शाम को मुख्यमंत्री आवास पर एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मांगों को लेकर सीएम से वार्ता हुई। मांगों पर सीएम से मिले आश्वासन के बाद एसोसिएशन ने अपना धरना समाप्त कर दिया। धरना देने वालोंे में उमा ढौंढियाल, मनवीर सिंह, आशा रावत, सरफराज अहमद, योगेंद्र सिंह, अशोक कुमार, सत्यपाल थलवाल आदि शामिल थे।
ये भी रही मांगे
-दिव्यांगों की पेंशन एक हजार से बढ़ा कर ढाई हजार रुपये मासिक करने, दिव्यांग दंपती में एक को शैक्षिक योग्यता के आधार पर स्थायी नौकरी देने
-सरकारी गैरसरकारी विभागों में दिव्यांगों को चार फीसद दिव्यांग बैकलॉग कोटा देने
-तिब्बती मार्केट की तर्ज पर दिव्यांगों के लिए मार्केट बनाने
-दिव्यांगों को सिटी बस, ऑटो, थ्री व्हीलर का निश्शुल्क परमिट दिया जाए
-दिव्यांगों को निश्शुल्क चिकित्सा व शहरीआवास योजना में 50 वर्ग मीटर भूखंड आवंटन किया जाए
दिव्यांग बच्चों ने सीएम को बनाया दोस्त
दिव्यांग बच्चों से मिलने गए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को बच्चों ने फ्रेंडशिप बैंड बांधकर दोस्त बनाया। मंगलवार को विश्व दिव्यांग दिवस पर मुख्यमंत्री रावत लतिका राय फाउंडेशन आश्रम पहुंचे। जहां उन्होंने दिव्यांग बच्चों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने बच्चों और फाउंडेशन के सदस्यों को बताया कि राज्य सरकार की ओर से दिव्यांगों के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
प्रदेश में राजकीय सेवा में दिव्यांगों को चार प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई है। दिव्यांगों के लिए भूतल पर परीक्षा की व्यवस्था और परीक्षा केंद्र रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन के निकट रखने की व्यवस्था की गई है। साथ ही उच्च शिक्षा में प्रवेश के लिए दिव्यांगों को पांच प्रतिशत की छूट का भी प्रावधान किया गया है।